MP NEWS : दिल्ली में पहली बार हुआ “मध्यप्रदेश उत्सव” का आयोजन, चार दिनों तक होंगी कईं प्रस्तुतियां

MP NEWS : “मध्यप्रदेश उत्सव” दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में देश के दिल (मध्यप्रदेश) की समृद्ध, सांस्कृतिक धरोहरों से पूरे देश के लोगों को परिचित कराने के लिए राजधानी में “मध्यप्रदेश उत्सव” नाम का एक अनूठा आयोजन किया गया है।

शुभारंभ पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी थे उपस्थित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन में “मध्यप्रदेश उत्सव” का रंगारंग शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारा प्रदेश देश का दिल होने के साथ ही सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, जनजातीय विरासत, पर्यटन, कला, रहन-सहन एवं विविध व्यंजन इत्यादि की दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध राज्य है। 

चार दिनों तक चलेगा “मध्यप्रदेश उत्सव” कार्यक्रम

राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप दिल्ली में पहली बार वृहद स्तर पर मध्यप्रदेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जो लगातार चार दिनों (30 अगस्त से 2 सितंबर, 2024) तक चलेगा। मध्य प्रदेश उत्सव के दौरान अलग अलग कईं प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत लिए जाएंगे, और इन कार्यक्रमों के माध्यम से ही पूरे देश का परिचय मध्य प्रदेश की समृद्ध विरासत और परंपराओं से कराया जाएगा। 

विभिन्न देशवासी होंगे मध्य प्रदेश की समृद्ध परंपरा से रूबरू

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश उत्सव के आयोजन से पूरे देश से आए पर्यटकों को मध्यप्रदेश की समृद्धशाली संस्कृति सहित अन्य पहलुओं से परिचय करने का मौका मिलेगा। पर्यटक न सिर्फ प्रदेश की समृद्ध विरासत को जानेंगे और समझेंगे बल्कि विविधताओं से भरे हमारे मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में बनाए जाने वाले विशिष्ट व्यंजनों का भी मन भरकर आनंद ले सकेंगे। इनमें सुपर फूड ‘श्रीअन्न’ से निर्मित व्यंजनों को भी शामिल किया जाएगा, जिनका ये लोग आनंद ले सकेंगे।

प्रदेश की समृद्ध विरासत को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया

मध्यप्रदेश में पुरातत्व विभाग द्वारा बेहतरीन कार्य किया गया है। विभाग द्वारा कईं प्राचीन जर्जर मंदिरों और देवस्थानों को पुनर्स्थापित करने का चुनौतीपूर्ण कार्य किया जा रहा है। मध्य प्रदेश उत्सव के दौरान संचालनालय पुरातत्व अभिलेखाकर एवं संग्रहालय द्वारा आयोजित ‘मध्यप्रदेश की विरासत’ प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदशर्नी में एक ओर गोंड कलाकारों की चित्रकला को सम्मान और दूसरी ओर लगभग 10 हजार वर्ष पुराने भीमबैठका के शैलचित्रों से लोगों को अवगत कराने का अभिनव प्रयास किया गया है, जो अपने आप में प्राचीन भारतीय इतिहास और आधुनिक संस्कृति के अनूठे गठजोड़ को प्रदर्शित करता है।

“मध्यप्रदेश उत्सव” के पहले दिन सुश्री कलापिनी कोमकली ने दी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति

‘मध्यप्रदेश उत्सव’ की सांस्कृतिक संध्या में पहले दिन भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रतिभावान कलाकार प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कुमार गंधर्व की सुपुत्री सुश्री कलापिनी कोमकली ने देवास के शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। उन्होंने राग पुरिया धनाश्री, पूर्वी थाट, राग देश, राग मल्हार सहित निर्गुण और लोक भजनों की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के दौरान समूह के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे जिन्होंने तबला, हारमोनियम, मंजीरा, वीणा आदि वाद्य यंत्रों के माध्यम से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

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