mp tourism : मध्य प्रदेश में प्रकृति के बीच में 5 शानदार झरने जो मानसून में घूमने के लिए बेस्ट जगह है

mp tourism : मध्य प्रदेश, जिसे अक्सर “भारत का दिल” कहा जाता है, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व का खजाना है। इसकी कई आकर्षणों में, राज्य के झरने प्रकृति की भव्यता के मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन के रूप में उभरते हैं।

हरे-भरे जंगलों, ऊबड़-खाबड़ चट्टानों और शांत परिदृश्यों से घिरे ये झरने प्रकृति प्रेमियों, साहसिक उत्साहियों और शांति की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श पलायन प्रदान करते हैं। इस लेख में, हम मध्य प्रदेश के शीर्ष पांच झरनों की सैर करेंगे, जो लुभावने दृश्यों और अविस्मरणीय अनुभवों का वादा करते हैं, प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषता और आकर्षण के साथ।

धुआंधार झरना: जबलपुर का धुंधला चमत्कार

जबलपुर से मात्र 30 किमी दूर भेड़ाघाट में बसा धुआंधार झरना शक्ति और सौंदर्य का एक शानदार नजारा है। नर्मदा नदी के संगमरमर की चट्टानों से गुजरते हुए बनने वाला यह झरना अपने नाम के अनुरूप धुंध (हिंदी में “धुआं”) पैदा करता है। 98 फीट ऊंचा यह झरना विशेष रूप से मानसून के दौरान अपनी पूरी ताकत के साथ एक दृश्यात्मक आनंद प्रदान करता है। पर्यटक नदी के ऊपर रोपवे की सवारी या नर्मदा महोत्सव के दौरान चांदनी में चमकती संगमरमर की चट्टानों को देखने के लिए नाव की सैर का आनंद ले सकते हैं। फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए, धुंधली हवा और चांदी जैसी चमक धुआंधार को एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाती है।

कैसे पहुंचें: जबलपुर से टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन जबलपुर जंक्शन है।

पचमढ़ी का रजत प्रपात: सिल्वर फॉल्स की भव्यता

पचमढ़ी, मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन, रजत प्रपात या सिल्वर फॉल्स का घर है। 107 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना अपनी चांदी जैसी धारा के लिए प्रसिद्ध है, जो सूरज की किरणों में चमकती है। सतपुड़ा की पहाड़ियों में बसा यह झरना ट्रेकिंग और प्रकृति की सैर के लिए आदर्श है। मानसून के बाद का मौसम इसकी सुंदरता को और निखारता है, जब आसपास की हरियाली और तेज बहाव इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। पास ही बी फॉल (जमुना प्रपात) भी है, जो स्नान और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।

कैसे पहुंचें: पचमढ़ी रेलवे स्टेशन से टैक्सी या स्थानीय परिवहन उपलब्ध है। निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है।

चचाई झरना: रीवा का छिपा हुआ रत्न

रीवा जिले में स्थित चचाई झरना मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा झरना है, जो 130 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। बीहर नदी पर बना यह झरना अपनी विशालता और आसपास के घने जंगलों के कारण एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति और प्रकृति की गोद में समय बिताना चाहते हैं। मानसून के दौरान इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि चट्टानें फिसलन भरी हो सकती हैं।

कैसे पहुंचें: रीवा रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस द्वारा पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से यात्रा सुगम है।

पांडव गुफा झरना: पचमढ़ी की रहस्यमयी सुंदरता

पचमढ़ी में ही स्थित पांडव गुफा झरना एक छोटा लेकिन आकर्षक झरना है, जो पांडव गुफाओं के पास बहता है। यह झरना अपनी शांत और रहस्यमयी वातावरण के लिए जाना जाता है। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इन गुफाओं में समय बिताया था, जिससे इस स्थान का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व और बढ़ जाता है। यह झरना ट्रेकर्स और इतिहास प्रेमियों के लिए एक शानदार पड़ाव है।

कैसे पहुंचें: पचमढ़ी शहर से स्थानीय टैक्सी या पैदल ट्रेकिंग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।

बहुति झरना: प्रकृति का अनछुआ उपहार

रीवा के पास मऊगंज में स्थित बहुति झरना 198 फीट की ऊंचाई के साथ एक और शानदार प्राकृतिक आकर्षण है। यह झरना अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। आसपास की हरियाली और चट्टानी परिदृश्य इसे फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो भीड़ से दूर एक शांतिपूर्ण अनुभव चाहते हैं।

कैसे पहुंचें: रीवा से सड़क मार्ग द्वारा टैक्सी या निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है।

क्यों हैं ये झरने खास

मध्य प्रदेश के ये झरने न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि साहसिक गतिविधियों, फोटोग्राफी और आत्मिक शांति के लिए भी आदर्श हैं। चाहे आप धुआंधार की धुंधली भव्यता का आनंद लें या रजत प्रपात की चांदी जैसी चमक का, प्रत्येक झरना एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। मानसून के दौरान इनकी सुंदरता चरम पर होती है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।

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