MP Tourism : भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है, भोपाल को राजा भोज की नगरी तथा ‘झीलों की नगरी’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े तालाब हैं। भोपाल भारत के मध्य भाग में एक पहाड़ी इलाक़े पर स्थित है।
वैसे तो भोपाल की प्रसिद्धि के कईं कारण है लेकिन पर्यटन के कारण इसका देश और प्रदेश में विशेष स्थान है, यहाँ घूमने के लिए कईं ऐसे रमणीय स्थान है जिनकी खूबसूरती देखकर आप मंत्रमुग्ध हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम भोपाल शहर में घूमने लायक कुछ अत्यंत खूबसूरत स्थानों की चर्चा करेंगे।
पर्यटन स्थान है महत्वपूर्ण
- भोपाल के तालाब– भोपाल की पहचान भोपाल के बड़े तालाब से है। कहा जाता है- “तालों में ताल भोपाल ताल बाकी सब तलैया”।
- बोट क्लब – बोट क्लब श्यामला हिल्स में है जहाँ आप विभिन्न बोटिंग ऐक्टिविटीज का आनन्द ले सकते हैं। बड़े तालाब में स्थित बोट क्लब एक पर्यटन स्थल है जो एक अत्यंत सुन्दर स्थान है।
- पुरातात्विक संग्रहालय– बाणगंगा रोड पर स्थित इस संग्रहालय में मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की हुई मूर्तियों को रखा गया है।
- जनजातीय संग्रहालय– मध्य प्रदेश की विभिन्न जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से भोपाल में इसका निर्माण किया गया था, यहां जाकर आप जनजातीय परंपराओं तथा उनके विश्वासों से साक्षात्कार कर सकते हैं।
- भारत भवन– यह भवन भारत के सबसे अनूठे राष्ट्रीय संस्थानों में एक है। 1982 में स्थापित इस भवन में अनेक रचनात्मक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय– यह एक अनोखा स्थान है, संग्रहालय श्यामला की पहाडियों पर 200 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर आप मानव सभ्यता के उद्विकास की यात्रा से परिचय कर सकते हैं।
- मोती मस्जिद– इस मस्जिद को क़ुदसिया बेग़म की बेटी सिकंदर जहां बेग़म ने 1860 ई॰ में बनवाया था।
- ताज-उल-मस्जिद– यह भारत की सबसे विशाल मस्जिदों में एक है। इसका निर्माण कार्य भोपाल की आठवीं शासिका शाहजहां सिकंदर बेगम के शासन काल में प्रारम्भ हुआ था, लेकिन कुछ कारणों से उनके जीवन काल के दौरान यह बन न सकी और बाद में इसे पूरा किया गया।
- शौकत महल, सदर मंजिल और गोहर महल– भोपाल शहर के बीच स्थित यह इमारतें हमारी वर्तमान पीढ़ियों को भोपाल के गौरवशाली इतिहास से परिचय करवाती है।
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान– प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से यह एक अच्छा स्थान है, यहां आप विभिन्न जानवरों जैसे– शेर, भालू, तेंदुआ, अजगर आदि को अपने प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
भोपाल के आस पास भी कईं खूबसूरत स्थान है
उपरोक्त स्थानों के अलावा भोपाल के आस पास भी कईं खूबसूरत स्थान है जिन्हें एक्सप्लोर किया जाना चाहिए, जैसे
भीमबेटका की गुफाएं– दक्षिण भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित भीमबेटका की गुफाएं प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं। यह गुफाएँ चारों तरफ से विन्ध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, जिनका सम्बन्ध नवपाषाण काल से है। इन गुफाओं के अन्दर बने चित्र गुफाओं में रहने वाले प्रागैतिहासिक काल के जीवन का विवरण प्रस्तुत करते हैं। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार वर्ष पूर्व की मानी जाती है।
भोजेश्वर मन्दिर ,भोजपुर–यह प्राचीन शहर दक्षिण पूर्व भोपाल से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। यह शहर भगवान शिव को समर्पित भोजेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मन्दिर को पूर्व का सोमनाथ भी कहा जाता है। भोजपुर की स्थापना परमार वंश के राजा भोज ने की थी इसीलिए यह स्थान भोजपुर के नाम से प्रसिद्ध है।
यह स्थान भगवान शिव के भव्य मन्दिर और साईक्लोपियन बाँध के लिए जाना जाता है। यहाँ के भोजेश्वर मन्दिर की सुन्दर सजावट की गई है। मन्दिर एक ऊँचे चबूतरे पर बना है जिसके गर्भगृह में लगभग साढ़े तीन मीटर लम्बा शिवलिंग स्थापित है। इसे भारत के सबसे विशाल शिवलिंगों में शुमार किया जाता है।
सांची स्तूप– भोपाल से कुछ किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित यह स्थान भी देश- विदेश के पर्यटकों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यहां जाकर आप बौद्ध धर्म तथा मौर्यकालीन इतिहास की कईं महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर सकते हैं।
जगदीशपुर– भोपाल से मात्र 15 किलो मीटर दूर स्थित इस स्थान की यात्रा के दौरान आप चमन महल, रानी महल और गोंड महल को देख सकते हैं।
विंध्यवासिनी बिजासन माता मंदिर– भोपाल से लगभग 70 km दूर सीहोर जिले के सलकनपुर में स्थित इस प्रसिद्ध दुर्गा माता मंदिर में पूरे प्रदेश से श्रृद्धालु आते हैं।
भोपाल शहर तक पंहुचने के लिए मार्ग
वायु मार्ग– भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा शहर से मात्र 12 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चेन्नई, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, रायपुर से यहां के लिए एयर इंडिया एवम अन्य निजी एयरलाइन्स कंपनियों की नियमित उडान सेवाएँ हैं।
रेल मार्ग– भोपाल का रेलवे स्टेशन देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से जुडा हुआ है। यह भारतीय रेल के दिल्ली-चैन्नई मुख्य मार्ग पर पड़ता है। शताब्दी एक्सप्रेस भोपाल को दिल्ली से सीधा जोडती है। साथ ही यह शहर मुम्बई, आगरा, ग्वालियर, झांसी, उज्जैन, कोलकाता, चैन्नई, बंगलूरू, हैदराबाद आदि शहरों से अनेक रेलगाडियों के माध्यम से जुडा हुआ है।
सडक मार्ग– सीहोर, सांची, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, खजुराहो, पंचमढी, जबलपुर आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुंचा जा सकता है। मध्यप्रदेश और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से भी भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।
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